1- जो बीत गया उसे लौटाया नही जा सकता इसीलिये जो अभी है उसे बचाने बनाने की कोशिश करनी चाहिए।
2- नर मे नारायण का वास मान उसकी सहायता करनी चाहिए।
3- किसी के रहने न रहने पर कोई कार्य कभी रुकता नही यही प्रकृति का नियम है।
4- इंसान को अपने बुरे कर्मो की सजा इसी जन्म मे मिलती है।
5- आलस्य आदमी को आगे बढ़ने नही देता।
6- जीत उन्ही की होती है जो हार नही मानते
7- यदि आप किसी के रास्ते मे फूल नही बिछा सकते तो काटे भी न बिछाओ यही सच्ची सेवा है।
8- नेक बनने मे पूरी उम्र लग जाती है और बदनाम होने मे एक दिन भी नही लगता।
9- जो मनुष्य अहंकार करता है उसका पतन अवश्य होता है
10- आत्मा प्रेम स्वरूप है अहंकार के कारण प्रेम की ज्योति बुझ जाती है।
11- एक गुणवान पुत्र सैकड़ो मूर्ख पुत्रो से अच्छा है क्योकि एक चन्द्रमा अंधकार को नष्ट कर देता है किन्तु हजारो तारे ऐसा नही कर सकते।
12- प्रेम से बड़ा कोई हथियार नही ।
2- नर मे नारायण का वास मान उसकी सहायता करनी चाहिए।
3- किसी के रहने न रहने पर कोई कार्य कभी रुकता नही यही प्रकृति का नियम है।
4- इंसान को अपने बुरे कर्मो की सजा इसी जन्म मे मिलती है।
5- आलस्य आदमी को आगे बढ़ने नही देता।
6- जीत उन्ही की होती है जो हार नही मानते
7- यदि आप किसी के रास्ते मे फूल नही बिछा सकते तो काटे भी न बिछाओ यही सच्ची सेवा है।
8- नेक बनने मे पूरी उम्र लग जाती है और बदनाम होने मे एक दिन भी नही लगता।
9- जो मनुष्य अहंकार करता है उसका पतन अवश्य होता है
10- आत्मा प्रेम स्वरूप है अहंकार के कारण प्रेम की ज्योति बुझ जाती है।
11- एक गुणवान पुत्र सैकड़ो मूर्ख पुत्रो से अच्छा है क्योकि एक चन्द्रमा अंधकार को नष्ट कर देता है किन्तु हजारो तारे ऐसा नही कर सकते।
12- प्रेम से बड़ा कोई हथियार नही ।
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