वैसे तो मै इन्सान हु
पर मच्छरो से परेशान हु
लोग कहते है ये कही से आ जाते है
पर लगता है ये डाक्टरो के यहा पाले जाते है
डाक्टर और मच्छर करते है मिलकर शिकार
एक पैसे लुट कर
एक खुन चुस कर
मच्छर काट कर करते है बीमार
तभी तो डाक्टर करते है महंगा उपचार
मच्छरो ने तो हद ही कर दी
घर स्कुल आफिस हर जगह फेमिली बसा दी
मच्छर और इन्सानो मे छिड गयी जंग
इन्सानो ने दिखाया अपना रंग
इन्सान बोला चले जाओ नही तो जाओगे जान से
तभी मच्छर बोला इन्सान से
जंग छीड जायेगी दुश्मनी बढ जायेगी माना आपके लहु मे जूनुन है
पर हमारी रगो मे आपका ही खुन है
दीपक कुमार गुप्ता
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