हमारे लिए कपड़ो की क्या अहमियत है।
औरो के लिए कुछ हो ना हो पर हम भारतीयो के लिए कपड़े हमारे ब्यक्तित्व को निखारने का काम ककरते है तन ढकते है।
पर आज कल कपड़े शार्ट हो गए है शरीर पर नाम का कपड़ा दिखता है। आज के समय मे औरतो से ज्यादा पुरुष कपड़े पहने हुए दिखते है। पश्चिमी सभ्यता का असर सब पर छा गया है। हर कोई स्मार्ट दिखना चाहता है भले ही चेहरा देखने लायक ना हो पर पहनावा नम्बर एक का होना चाहिए।
कपड़ो का भबिष्य अन्धकार की तरफ जाता हुआ दिख रहा है। जिस तरह से कपड़े छोटे होते ज रहे है उन को देखकर तो लगता है ओ समय दूर नही जब कपड़े म्यूजियम मे दिखाई देगे।
औरो के लिए कुछ हो ना हो पर हम भारतीयो के लिए कपड़े हमारे ब्यक्तित्व को निखारने का काम ककरते है तन ढकते है।
पर आज कल कपड़े शार्ट हो गए है शरीर पर नाम का कपड़ा दिखता है। आज के समय मे औरतो से ज्यादा पुरुष कपड़े पहने हुए दिखते है। पश्चिमी सभ्यता का असर सब पर छा गया है। हर कोई स्मार्ट दिखना चाहता है भले ही चेहरा देखने लायक ना हो पर पहनावा नम्बर एक का होना चाहिए।
कपड़ो का भबिष्य अन्धकार की तरफ जाता हुआ दिख रहा है। जिस तरह से कपड़े छोटे होते ज रहे है उन को देखकर तो लगता है ओ समय दूर नही जब कपड़े म्यूजियम मे दिखाई देगे।
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