आज का इंसान भगवान को कोरी कल्पना और अंधविश्वास मानने लगा है। रही बात भगवान पर बिश्वास करने वालो की तो वे भगवान को मानते है पअर दिल के किसी कोने मे एक बात दबि रहती है और वे चाहते भी है की भगवान की असलियत सबके सामने आये
इसीलिए सन्2006 मे रामायण रिसर्च टीम का गठन किया गया जिसने भगवान राम के समय की 240 प्रमाण खोजे जिनमे रावण महल रावण का हवाई अड्डा सीता सरोअर अशोक वाटिका और रावण की मम्मी यानी लाश मिलने का दावा किया गया जानकारों का मानना है की रावण की मौत के बाद उसकी लाश को नागलोक वासी इस उम्मीद ससे ले गये थे की वे कभी ना कभी रावण को जिंदा कर सकेंगे
सन्2007 मे नेशनल ज्योग्राफिक की टीम ने उत्तर भारत के जगलो मे एक 30 फिट लंबा मानव कंकाल मिलने का दावा किया और ऐ सन्देह जाहिर किया की ये कंकाल भीम पुत्र घटो त्काच की है
इन सब बातो से ये पता तो चलता है की बभगवान होते है पर क्यो वे सामने नही आते हम ईश्वर की उन धरोहरो को नुकसान पहुचा रहे है वो ठीक है
सदियो से ऐसा ही होता आया है इन्सान जब जब अपनी हद पार करने की कोशिश
करता है बिनाश होता है विध्वन्स होता है फिर भी इन्सान ये नही समझता की
सृष्टि जिसने बनाई है वो चाहता है की कुछ रहस्य रहस्य ही रहे हमेशा के
लिए लेकिन इन्सान है की इतिहास और ईश्वर को बार बार चुनौती देता है और ये
सिलसिला शायद कभी रुकेगा भी नही
दीपक कुमार गुप्ता
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