धर्म बृक्ष


आज कल धर्म को लेकर जंग छिड़ गयी है। सबसे बड़ा सवाल क्या भगवान अल्ला ईसामसीह सब एक ही ईश्वर के अलग अलग नाम है।
अगर सभी एक ही है तो उन्होंने धर्म कई क्यो बनाये जिसको लेकर झगडे दंगे आये दिन होते रहते है।
मैंने इस बात को पूरी तरह से जानने की कोशिस की तो मुझे पता चला की
इस्लाम धर्म 16वी सदी मे अरब देश मे सुरु हुआ जिसके जन्मदाता मोहम्मद साहब थे इस्लाम धर्म की किताब कुरान है
इसके मानने वालो का मत है की ऐ किताब आसमान से आई थी
अब बात करते है ईसाई धर्म की जिसके जन्मदाता ईसामसीह को माना जाता है
इसके बाद बारी आती है हिन्दू धर्म की जिसकी शुरआत कब कहा हुई किसी को पता नही पूरे विश्व मे आज भी कही ना कही हिन्दू धर्म के प्रमाण मिलते है चाहे ओ ईसाई देश हो या इस्लामिक देश।
हिन्दू धर्म और इस्लाम मे कई समानताए पाई जाती है ऐसा प्रतीत होता है जैसे इस्लाम की उत्पत्ति हिन्दू धर्म से हुई हो।

जैसे पहले windos 2007.2008 आया या फिर जैसे मोबाइल हमेशा कुछ बदलाव करके और बेहतर बनाता है

उसी प्रकार हिन्दू धर्म मे थोड़ा बहुत बदलाव करके इस्लाम धर्म बनाया गया होगा

हिन्दू धर्म के कठोर नियम
1 शिखा रखना
2 केवल एक ही स्त्री से शादी करना
3 दाढ़ी मुछे अनिवार्य
4 रिश्तों की मर्यादा मे रहना
5 रोज स्नान करना
6 पराई स्त्री को न छूना
7 मांस को न खाना
8 जीवो पर दया करना

इत्यादि ऐ सब तो कही लिखे नही गए है पर इनसे मिलती जुलती बाते बेदो पुराणों मे मिलती है।
ए सब बाते किसी को पचि नही इसलिए उसने कुछ अलग करने के लिए अलग धर्म बनाने का सोचा जिसमे कोई पाबन्दी ना हो

ठीक इसके बिपरीत इस्लाम धर्म
1 कई विवाह
2 शिखा नही
3 रिश्तों की मर्यादा नही
4 जीवो पर दया नही
5 मांस खाने की आजादी
इत्यादि
 अब मॉर्डन युग आ गया था जिसमे लव मैरेज आदि आदि
तो धर्म का नया वर्जन आया
ईसाई धर्म।

धर्म का नया वर्जन बनता रहा है
जैसे इस्लाम मे दो सिया और सुन्नी

ईसाई मे रोमन और कैथलिक

हिन्दू मे
निरंकार
कबीर पंथी
इत्यादि

अलग अलग है नाम तेरे पर तु तो है एक
कब समझेगे बन्दे तेरे
रहे है अलग पर मंजिले सबकी एक
कब समझेगे बन्दे तेरे


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