मोबाइल के खतरे


शिमला: हिमाचल में तेजी से बढ़ रहे ‘हार्ट अटैक’ के मामलों में मोबाइल फोन सबसे बड़ा कारण बनकर उभरा है। मोबाइल से निकलने वाली रेडिएशन लोगों को एक साथ कई बीमारियों का शिकार बना रही है। इंदिरा गांधी मैडीकल कालेज (आई.जी.एम.सी.) में हुए शोध में यह खुलासा हुआ है।
ई.एन.टी. विभाग द्वारा किए गए इस शोध में पाया गया कि मोबाइल की ‘लो’ बैटरी फुली चार्ज मोबाइल फोन की अपेक्षा ज्यादा रेडिएशन छोड़ रही है जिसका मानव शरीर और दिल पर घातक असर पड़ रहा है। आई.जी.एम.सी. में मोबाइल रेडिएशन के कुप्रभावों पर यह पहला शोध है। शोध में जुटे विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि ज्यादा मोबाइल फोन सुनने से प्रदेश में लोग तेजी से बहरेपन का शिकार हो रहे हैं। मोबाइल फोन शरीर के जितने संपर्क में रहेगा, उसका शरीर पर उतना ही विपरीत असर पड़ेगा। ई.एन.टी. विभाग के चिकित्सकों का कहना है कि मोबाइल फोन सुनने के लिए ब्लूटूथ डिवाइस और ईयर फोन का इस्तेमाल करने से सुनने की शक्ति प्रभावित होती है।

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