भारत के लिए भारत की लाइन

जब जीरो दिया मेरे भारत ने दुनिया को तब गिनती आई
तारो की भाषा भारत मे दुनिया को पहले सिखलाई
देता न दशमलव भारत तो यु चाद पे जाना मुश्किल था धरती और चाद की दूरी का अंदाजा लगाना मुश्किल था
सभ्यता जहा पहले आई पहले जन्मी है जहा पे कला अपना भारत ओ भारत है जिसके पीछे संसार चला संसार चला और आगे बढ़ा आगे बढ़ा बढ़ता ही गया भगवान करे ये और बढ़े बढ़ता ही रहे और फुले  फले

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