सबसे बड़ा कष्ट

महाभारत युद्ध के पश्चात सारे कौरव मारे गए तब कौरवों की माता गंधारी विलाप करने लगी । अपने पुत्रो के शवो से लिपट कर रोने लगी । अन्न जल त्याग दिया सबने समझाया पर वे नही मानी।
अंत मे श्रीकृष्ण  गंधारी के पास गए और उन्होंने गंधारी से कहा गंधारी उठो शोक का परित्याग करो भोजन करो
गंधारी बोली महाराज मेरी आखो के सामने मेरे सारे बेटे मारे गए मैं कैसे खा लु
भगवान मुस्कुराये और चले गए
थोड़ी देर बाद गंधारी को तेज भूख लगी  इतनी तेज भूख लगी की उनसे सहा नही गया
वह आखो की पट्टी खोलकर देखने लगी की कुछ खाने को मिल जाये जिससे उदर की आग शांत हो पर वहा क्या था जो मिलता ।
कुछ ही दूरी पर एक बेल का पेड़ दिखाई दिया जिसमे कुछ फल लगे थे उन्होंने सोचा चलो इसे ही खाकर भूख मिटाई जाये
परन्तु बेल का फल काफी ऊपर था इसलिए हाथ मे नही आ रहा था
तब गंधारी  ने बेटो के शवो को एक दूसरे के ऊपर रखकर उसके ऊपर चढ़कर जैसे ही फल तोड़ने लगी इतने मे भगवान श्रीकृष्ण आ गए  उन्होंने पूछा गंधारी क्या कर रही हो
लज्जित होकर गंधारी बोली  वासुदेव संसार मे सबसे बड़ा दुःख जरा और मरण है  पर उससे बड़ा कष्ट  निर्धन  का जीवन है उससे भी बड़ा कष्ट पुत्र वियोग है किन्तु वासुदेव क्षुधा भूख से बढ़कर संसार मे कोई कष्ट नही है।

ऐ तो हुई राजाओ लकी बाते पर आज भी भारत मे बहुत से ऐसे लोग भी हहै जिन्हें हर रोज भूखा सोना पड़ता है अपने भूखे बच्चों को देखकर मा बाप पर क्या गुजरती होगी ऊपर वाले ने दुनिया तो बनाई  पर पेट उसे नही बनाना चाहिए था सारी दुनिया पेट के लिए भाग रही है
दीपक कुमार गुप्ता 

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