वो दहशत की रात थी

वो दहशत की रात थी
शायद वो 25 अप्रैल 2015 की रात थी।
पर हा वो दहशत की रात थी।
लोग सोये थे पर जागे से लगते थे
खाए थे पर प्यासे से लगते थे।
मरने से पहले जीने की आस थी।
शायद वो दहशत की रात थी।
जब धरती डोली वो बात अजीब थी
नष्ट हो गयी वो चीज जो करीब थी।
शायद वो दहशत की रात थी
खड़े थे बैठे भी नही रह पाते थे
जागे थे पर सोये से नही रह पाते थे
चलते थे पर भाग भी नही पाते थे।
क्यो हो रहा था ए बात भी अजीब थी
वो भूकम्प वाली रात थी
वो दहशत वाली रात थी।।।

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