नाम

दो अजनबी मिले तो पहली ख्वाहिश एक दूसरे का नाम जानने की होती है। बाकी बाते बाद मे किसी भी फार्म मे सबसे पहला कलम नाम का होता है। नाम से ब्यक्ति सब जगह हो सकता है।
दौलत की भूख जितनी उत्कट होती है उतनी ही नाम कमाने की आलम यह है की कई लोगो की जिंदगी का एक कीमती हिस्सा अधिक से अधिक नाम कमाने की कोशिश और कवायद मे निकल जाता है। चाहे इसके लिए कितना ही दाम चुकाना पड़े ।
नाम कमाना उनके लिए नशा बन जाता है।
कितनी ही हस्तियों को हमने देखा तक नही होता सिर्फ उनके नाम के आगे श्रद्धा से सिर झुकाते है।
वह नाम जो अपने नेक काम से अर्जित किया।
नाम इंसान मे खुशी भी पैदा करता है और ईष्या भी । उसका अपना कोई प्रियजन नाम कमाए तो मन मे खुशी के फब्बारे छूटने लगते है। बिरोधी का नाम ऊचा हो तो सीने मे जलन होती है।

ब्यक्ति की पहचान का सबसे बड़ा माध्यम है नाम आध्यात्म से परमात्मा के नाम का जितना महत्व है भौतिक जीवन मे अपने नाम का भी उतनी अहमियत है।

इंसान आता है बेनाम जाता है नाम छोड़कर । भीड़ मे किसी सख्स को बुलाना हो तो उसका नाम लेकर पुकारा जाता है। पैदा होते है सबसे पहले होता है नामकरण संसकार।
नाम से ही इंसान की जिंदगी शुरू होती है इसी के सहारे तमाम जिंदगी चलती है। और अंत मे जब राम नाम सत्य हो जाता है तो याद रखने के लिए बचता है नाम 

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