एक पथिक कही जा रहा था रास्ते मे उसे एक गुलाब का पौधा मिलता है ।
उसे देखकर पथिक बोला हे गुलाब तुम बहुत खूब सूरत हो अगर तुम मे काटे न होते तो कितना अच्छा होता।
यह कहकर पथिक आगे बढ़ा आगे उसे कोयल मिली कोयल को देखकर वो बोला
हे कोयल तुम्हारी आवाज बहुत मीठी है अगर तुम काली ना होती तो कितना अच्छा होता।
यह कहकर पथिक आगे बढ़ा आगे उसे समुद्र मिला समुद्र को देखकर वो बोला।
हे समुद्र तुम्हारा पानी बहुत शांत और निर्मल है यदि तुम खारे न होते तो कितना अच्छा होता।
यह सुन कर ईश्वर की उन तीन कृतियों ने कहा।
हे मानव तुम अवश्य ही ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति हो यदि तुममे दुसरो की बुराई देखने की आदत न होती तो कितना अच्छा होता।
मैंने पढ़ा था स्कूल मे जब मैं तीसरी मे था
दीपक कुमार गुप्ता
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