प्रकृति को संजो कर रखना होगा

आज मौसम बेईमान है कोई आने वाला तूफान है कोई आज मौसम बेईमान है कोई
जी हा आज कल मौसम बेमौसम क्यों हो गया शायद उसे प्रकृति से छेड़छाड़ करना पसंद नही आया हम लोग प्रकृति का दोहन करते जा रहे है पेड़ो को कटते जा रहे है जंगलो को खत्म करते जा रहे है प्रदुषण चारो और फैलाते जा रहे है
आखिर प्रकृति भी क्या करती  हर बार बार बार आधी तूफान सुखा बाढ़ भूकम्प के द्वारा हमे संदेस देती है  की इंसानों

यदि भगवान ने तुम्हे और हमे बनाया है तो कुछ सोच कर बनाया होगा मनुष्य पेड़ पौधे जीव जन्तु पशु पक्षी नदी पहाड़ झील झरने इसलिए बनाये ताकि धरती का संतुलन बना रहे लेकिन इंसानों ने उससे छेड़ छाड़ की उसे हानि पहुचाई प्रकृति के खिलाफ जाकर उन्हें नुकसान पहुचाया जिससे प्रकृति का संतुलन बिगाड़ दिया जिससे तरह तरह की प्राकृतिक आपदाए आने लगी मौसम बेमौसम हो गया
मार्च अप्रैल के महीनों में बारिश होने लगी एक बार फिर से प्रकृति ने संदेश दिया की इंसानों सुधर जाओ
वरना ये तो अभी सुरुआत है ईश्वर की इस धरोहर को बचाओ पेड़ लगाओ जिओ और जीव जन्तुओं को जीने दो

जय हिंदुत्व जय हिंदुस्तान
प्रेम से बोलो जय श्री राम    
दीपक कुमार गुप्ता

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