आज का युग बिज्ञान का युग है बिज्ञान ने तरह तरह के अबिष्कार किये कुछ
अच्छे तो कुछ बुरे किये अब मोबाइल को ही ले लो सोने से लेकर शौचालय तक
मुसीबत बन गया लेकिन मुसीबत मे काम भी आता है अब बन्दुक की बात अपने हाथ
मे हो तो ठीक अगर दुश्मन के हाथ मे हो तो उसके लिए ठीक एक तरह से बेवफा
है जिसके हाथ उसी की सुनती है
अमेरीकी सेटेलाइट को ले लो पुरी दुनिया पर हर एक ब्यक्ति के क्रियाकलाप
पर नजर रखता है इस बात को जब से हमारे गाव के दोस्त ने सुना है तब से वो
छाता लेकर शौच करने जाता है ताकी अमेरीका वाले उसे देख ना सके
अब परमाणु बम को ही ले लो सभी देश अपनी सुरक्षा और दुसरे का संहार करने
के लिए बना रहे है पता नही क्या होगा इस दुनिया का
आज मानव मंगल पर पहुच गया लेकिन हमेशा अपने पडोसी का अमंगल करने की कोशिश
मे लगा रहता है जैसे भारत का पडोसी
आज बिज्ञान चारो तरफ छा गया है बिज्ञान ने आसमान की उचाई और सागर की
गहराई को नाप लिया है पर इस बात का डर लगा रहता है आदमी का अबिष्कार एक
दिन आदमी को ही नष्ट न कर दे
दीपक कुमार गुप्ता
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