दोस्ती

दोस्त प्यार से भी बड़ा होता है।
हर सुख और दुःख मे साथ होता है।
तभी तो कृष्ण राधा के लिए नही सुदामा के लिए रोता है।
क्योकि हर एक फ्रेंड को एक फ्रेंड का साथ जरूरी होता है।

मित्रता की परिभाषा कृष्ण और सुदामा से बढ़कर क्या होगी। पर आज के समय मे ऐसी दोस्ती कहा देखने को मिलेगी।

आज के समय मे अगर आप पैसे वाले हो तो आपको हजारो दोस्त मिलेगे। पर अगर आप गरीब हो तो कोई भी नही।

टूट जाता है वो रिश्ता गरीबी मे जो खास होता है।
दोस्त बनते है हजारो जब पैसा पास होता है।

आप के पास कैसे दोस्त है ये आप अच्छी तरह जानते है। आज के समय मे सुदामा ज्यादा मिलेगे कृष्ण बहुत कम
जो अमीर लोग है उनके दोस्त ज्यादा होते है पर जिस दिन उस दोस्त के घर गरीबी सामने के दरवाजे से अंदर आएगी सारे दोस्त खिड़की से भाग जायगे
मैं अपने बारे मे बस इतना ही कहुगा की मैंने हमेशा दोस्ती की गरिमा को बनाये रखा है। मैंने कभी भी अपने दोस्तो की दोस्ती का फायदा नही उठाया है
मैं खुद्दारी की जिंदगी जीना पसन्द करता हु भूखे पेट सो जाओ पर किसी के आगे हाथ मत फैलाओ यही मेरा वसूल है।

भगवान ने मुझे कृष्ण के जैसे दोस्त तो दिए है  पर मैं सुदामा बनना नही चाहता।
क्योकि पैसा प्यार को कम कर देता है मेरे लिए मेरे दोस्त ही अनमोल है।

अगर आप अपने दोस्तो का फायदा उठाते है तो कभी भी कही भी उनके सामने जायेगे तो आपका सर झुक जायेगा।तो दोस्ती के पावन रिश्ते को चन्द पैसो के लालच मे अपवित्र मत करो।
क्योकि

जिंदगी का नाम दोस्ती दोस्ती का नाम जिंदगी

या फिर शोले का गाना याद करो

ये दोस्ती हम नही तोड़ेंगे
तोड़ेंगे दम मगर तेरा साथ न छोड़ेगे

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