रहस्य - अस्पताल की घड़िया रुक जाती है जब बजते है रात के 2


आस्ट्रेलिया के महानगर सिडनी से थोड़ी दूर लिटल बे के प्रिन्स हेनरी अस्पताल को खौफ बार बार जकड़ लेता है। अस्पताल के कर्मचारियों का मानना है की कई अनजानी रूहे आधी रात के बाद अपने होने का एहसास दिलाती है।
यह अस्पताल काफी पुराना है । जो सन् 1881 से चालू है। सिडनी से दूर और बोटनी खाड़ी के करीब यह अस्पताल बना है। जहा केवल संक्रमक रोगों का इलाज किया जाता था बाद में सभी रोगों का इलाज होने लगा।
सन् 1960 में अस्पताल की नए सिरे से रेनोवेशन की गयी । पिछले एक अर्से से अस्पताल के मरीजो की मदद करती ग्रेसी नर्स दिखाई देती है। तज्जुब की बात है क्योंकि कई बर्षो पहले ग्रेसी ही अस्पताल से गिरने से मौत हो गयी थी। वह आज भी उसी जगह टहलती हुई मिलती है। ग्रेसी कहा से आती है कहा जाती है किसी को पता नही।
मरीजो का कहना है की ग्रेसी रात को आती है मरीजो को कम्बल दूध पानी आदि देती है मरीजो को उससे डर नही लगता। वे इस बात को नही मानते की ग्रेसी मर चुकी है।
एक बार दो नर्से दूध उबाल रही थी तभी उन्हें किसी काम से जाना पड़ा जब वे वापस आई तो देखा दूध नीचे रखा हुआ था और गैस भी बन्द था। उन्हें आश्चर्य हो रहा था क्योकि वहा कोई आ नही सकता था।
बताते है रात के सन्नाटे में जब जब ग्रेसी की आत्मा टहलती है तो घडी की सुईया 2 बजे पर रुक जाती है। मनो अपने होने का एहसास दिला रही है।
अकेली ग्रेसी ही नही और भी कई रूहो का प्रिन्स हेनरी अस्पताल में बसेरा है। एक शरारती बच्चा अक्सर सीढ़ियों पर चढ़ता उतरता है कभी कभी सीढ़ियों पर बैठ कर शैतानी ठहाके मरता है जिससे लोगो में बेचैनी पैदा हो जाती है।
सुनसान रातो को अस्पताल में एक और आत्मा भटकती है एक बुजुर्ग की । एक छाया उभरती है। जो दिवार से सट कर चलती है उसके पैरो की आवाज आती है। ऐसा खौफ अस्पताल को हमेशा जकड़े रहता है।
कभी कभी मरीजो के लगे ड्रीप और चिकित्सा उपकरण बन्द हो जाते है। कभी कभी मरीजो की घन्टी अपने आप बजने लगती है
इस खौफ को कई नर्सो ने महसूस किया है।
दरअसल अस्पताल के आसपास बनी इमारतों का इतिहास रूहो को भटकने पर बल देता है।
इलाके की बनावट ही खौफ पैदा करती है। अस्पताल परिसर के भीतर बने कब्रिस्तान को भी अहम माना जाता है। इस कब्रिस्तान में 1000 से ज्यादा लाशे दफन है। और अस्पताल के स्विमिंग पुल और नजदीक के सागर में नाव पलटने से कई नर्से मौत के मुह में समा गयी। शायद इन्ही मौतों की वजह से अस्पताल में खौफ हमेशा मंडराता रहता है।


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