रहस्य- जलमानुष



परियो की कहानी का एक पात्र जल मानुष आज भी रहस्य बना हुआ है। दुनिया में आज भी कई ऐसी नदी तालाब सागर है जहा कुदरत के ऐसे अजूबे प्राणी का अस्तित्व है।

दक्षिण अफ्रीका की किरीला नदी में ये रात के सन्नाटे में दिखाई देते है। ये अपने समूह में होते है और भोजन तलाश करते है। उत्तरी अमेरिका के जंगलो में बहने वाली कई बिशाल नदियो में ये तैरते हुये दिखाई देते है। ये जलमानव भारत के राजस्थान की चम्बल नदी में भी पाये जाते है। इसके अलावा यहा की उदयपुर की जयसमन्द झील में भी इनका अस्तित्व है।
वैसे इस प्राणी को जलीय आवास पसन्द है। यह कुशल तैराक होता है। इसका शरीर 4-5 फुट लम्बा व पूछ रस्सी जैसी होती है। वजन 25 से 50 किलो तक होता है । ये मछलियो का शिकार करने में माहिर होते है।
इनकी चमड़ी चिकनी और रंग काला भूरा व मटियल भी होता है। इनके पंजे चौड़े होते है। इनकी पांच पांच नखरयुक्त अंगुलियो पर तैरने के लिए जालीनुमा चमड़ी होती है। हिमालय पर्वत की वादियो में भी इस प्राणी के कई पदचिन्ह मिले है। उत्तरी अमेरिका के घने जंगलो की नदियो में रात के सन्नाटे में लम्बी दाढ़ी वाले कई जलमानुष तैरते दिखाई देते है। इनके हाथो में बड़ी बड़ी मछलिया भी रहती है।
चीन की नदियो में अनोखे जलमानुष दिखाई देते है। इन्हें याः फ़ुडः नाम से जाना जाता है।जिसका मतलब है जल में निवास करने वाले आदमी ।
यहां इनकी आकृति डरावनी होती है। मुख के लम्बे लम्बे दाँत बाहर निकले रहते है।
आज से एक दशक पुर्व कोरिया की रेमिना नदी में ऐसा जल मानुष दिखाई दिया जिसकी देह पर बड़े बड़े स्तन थे तथा कूल्हे तक बाल लटके थे कई फोटोग्राफर ने इसे देखा। पुराणों का अवलोकन करने से विदित होता है की ये जल मानुष पानी की सतह पर आराम से चल सकते है। दुनिया के कई देशो की नदियो में इस प्राणी का अतित्व आज भी है।

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