चीन की पहचान चीन की दिवार से होती है। उस दिवार पर चीन को गर्व् है। जो दिवार 2000 सालो से खड़ी है इस दिवार को चीनी अंतरिक्ष से दिखाई देने का दावा है। पर ये गलत है इसको खुद चीन के एक अंतरिक्ष यात्री ने सन् 2003 में बताया।
चीन की दिवार एक अजूबा ही है इसी के साथ चीन में एक और अजूबा है टेराकोटा म्यूजियम जहा 10 हजार चीनी सैनिको की मुर्तिया घोड़े है जो हजारो साल पुरानी है। चीन के किसान मिट्टी खोद रहे थे तभी उन्हें कुछ सैनिको की मुर्तिया मिली उन्होंने जब इस बात को चीनी प्रसासन को बताया तब प्रशासन ने खुदाई करवाईकरवाई तो वहा एक दो नही 10 हजार सैनिको की मुर्तिया मिली जो कतार में खड़े थे। उस के साथ ही एक राजा की भी मूरत मिली जो घोड़े के रथ पर सवार था । जो ड्रैगन सम्राट के नाम से जाना जाता था। इन मूर्तियो की पहेली का राज क्या है किसी को पता नही ।
किसी ने अगर ये मुर्तिया बनाई तो क्यों और अगर बनाई तो जमीन में क्यों दफन कर दीदी।
कहि ये जीवित सैनिक तो नही थे जो शापित हो कर पत्थर बन गए हो
हकीकत क्या है किसी को मालूम नही इसी विषय पर एक फ़िल्म बन चुकी है
ड्रैगन शहनशाह का मकबरा
अगर फ़िल्म की तरह ए शापित सैनिक जिन्दा हो गए तो क्या होगा।
चीन की दिवार एक अजूबा ही है इसी के साथ चीन में एक और अजूबा है टेराकोटा म्यूजियम जहा 10 हजार चीनी सैनिको की मुर्तिया घोड़े है जो हजारो साल पुरानी है। चीन के किसान मिट्टी खोद रहे थे तभी उन्हें कुछ सैनिको की मुर्तिया मिली उन्होंने जब इस बात को चीनी प्रसासन को बताया तब प्रशासन ने खुदाई करवाईकरवाई तो वहा एक दो नही 10 हजार सैनिको की मुर्तिया मिली जो कतार में खड़े थे। उस के साथ ही एक राजा की भी मूरत मिली जो घोड़े के रथ पर सवार था । जो ड्रैगन सम्राट के नाम से जाना जाता था। इन मूर्तियो की पहेली का राज क्या है किसी को पता नही ।
किसी ने अगर ये मुर्तिया बनाई तो क्यों और अगर बनाई तो जमीन में क्यों दफन कर दीदी।
कहि ये जीवित सैनिक तो नही थे जो शापित हो कर पत्थर बन गए हो
हकीकत क्या है किसी को मालूम नही इसी विषय पर एक फ़िल्म बन चुकी है
ड्रैगन शहनशाह का मकबरा
अगर फ़िल्म की तरह ए शापित सैनिक जिन्दा हो गए तो क्या होगा।
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