चाइना में हिंदी का बोलबाला

हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा होने के साथ ही मातृभाषा भी है । पर यही हिंदी भारत में उपेक्षा की शिकार हो रही है । हिंदुस्तानी लोग ही हिंदी बोलने में शर्मिंदगी महसूस कर रहे है। अंग्रेजी बोलने पर गर्व महसूस करते है ।
बहुत से ऐसे देश है जहा हिंदी बोली पढ़ाई और सिखाई जा रही है

चीन जो की भारत प्रतिद्वन्दी है जो भारत के खिलाफ रहता है उसके देश के लोग छात्र हिंदी बोलते है सीखते है।
मोदी जी इस समय चीन में है उन्होंने वहा के छात्रो से हिंदी में बात की।।

मीडिया वालो ने जब वहा के छात्रो से हिंदी सीखने का कारण पूछा तो उन्होंने कहा की भारत की सभ्यता संस्कृति को जानने के लिए वेदों को समझने के लिए हिंदी सीखना जरुरी है।

दूसरी तरफ हम भारत के लोग हिंदी से मुह मोड़ रहे है शायद हम हिंदी के ज्ञान से अनजान है और ये बिदेशी उस ज्ञान को जान गए है की भारत का धर्म शास्त्रशास्त्र अपने आप में महाविज्ञान है । उसी हिन्दी को छोड़कर हम पश्चिमी सभ्यता की तरफ भाग रहे है।
भारत से सबने सीखा है सबने जाना है क्योकि आजकल जो अविष्कार हो रहे है वे सदियो पहले भारतीय ऋषि मुनियो ने  किया है जिसका प्रमाण वेदों धर्म शास्त्रो में  मिलता है।
और हम उसी भारतीय सभ्यता संस्कृति को छोड़ कर भाग रहे है। पर इतना जान लो

भारत आज भी विश्व गुरु है।

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