जिसकी रचना इतनी सुंदर ओ कितना सुंदर होगा

तुझे देख कर जग वाले पर यकी नही क्यों कर होगा जिसकी रचना इतनी सुंदर ओ कितना सुंदर होगा। ऐ तो एक गाने की चन्द लाइने है। जिसमे इस जगत की सुन्दरता और उसको बनाने वाले की बात कही गयी है। पर क्या ऐ दुनिया सच में इतनी सुंदर है। जी है जहा तक मैंने देखा है मैंने जाना है की ऊपर वाले ने इस संसार को बनाया और सजाने सवारने में कोई कमी नही की। नदी पहाड़ झील झरने बनो की हरियाली मन को मोह लेती है। जंगल नदी पहाड़ो की सुंदरता अद्भुत है। जंगल के शांत वातावरण में चारो तरफ फैली हरियाली के बीच कोयल और अन्य पक्षियों की मधुर आवाज गूँजती है। रंग बिरंगी तितली जंगली जानवर खुले आसमान के नीचे प्रकृति की मनमोहक सुंदरता का आनन्द लेते दिख जाते है। पहाड़ो पर जमी बर्फ धुप में हिरे की तरह चमक बिखेरते है। कल कल करते झरने एक मधुर संगीत की तरह सुनाई देते है। शांत और मन्द गति से नदी की बहती निर्मल जलधारा उसमे बिचरण करते रंग बिरंगी पक्षी सुंदरता में चार चाँद लगा देते है। जब सूर्यास्त होने लगता है तो सूरज की लालिमा चारो ओर मोहक दृश्य प्रस्तुत करती है। रात में जब चाँद और आसमान में चारो ओर बिखरे तारे अपनी रौशनी बिखेरते है तो ऐसा लगता है। मानो डेकोरेशन किया गया है चारो तरफ झालर लगे है। प्रकृति की इन अद्भुत सुंदरता को देखकर मन में यही लाइन गूँजती है। जिसकी रचना इतनी सुंदर ओ कितना सुंदर होगा

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