ये गाना जय सन्तोषी माँ फ़िल्म का है। ये तो फ़िल्म है पर इसमें ये जो गीत है ओ औरत को प्रेरणा देने के लिए काफी है। भारत की नारी हालात परेशानी दुःख और तकलीफो से लड़ने के लिए जानी जाती है। रानी लक्ष्मीबाई मीरा रजिया सुल्तान आदि ऐसी कई औरते इसका उदाहरण है। भारत की भूमि पर अगर बीरो ने जन्म लिया है तो बिरांगनाओ ने भी जन्म लिया है किसी ने देश के लिए तो किसी ने अपने राज्य के लिए लोगो की ख़ुशी के लिए संघर्ष किया है।
आज भी ऐसी संघर्षशील महिलाये हमारे बीच में है जो अपने परिवार के लिए अपने बच्चों के लिए दिन रात मेहनत करते हुए दुखो से लड़ती है।
आप अक्सर गावो में या शहरों में औरतो को काम करते हुये देखते होंगे। ये काम उनका शौक नही बल्कि मजबूरी होती है । अपने बच्चों को अपने परिवार को पालने के लिए करती है। घर में भूखे बच्चों को देखकर माँ कोई भी काम करने को तैयार हो जाती है। दिन रात मेहनत करके अपने बच्चो को पालती है।
इस बात को मैंने बहुत करीब से महसूस किया है। क्योकि मैंने एक माँ के दर्द को देखा है एक माँ अपने बच्चों के लिए क्या कर सकती है ओ मैंने जाना है क्योकि मैं भी कभी उसी हालात का हिस्सा था।
मेरा जीवन मेरी माँ की बदौलत है। मेरे पिता जी की मौत के बाद घर वालो की नफरत और उलहनो से तंग आकर मेरी माँ मुझे और मेरी तीन बहनो को लेकर अपने पिता के घर आ गयी । गरीब परिवार था नाना जी नमक बेच कर गुजरा करते थे घर में केवल नाना नानी ही थे अब हम लोगो के आ जाने से खर्च बढ गया कभी कभी आधे पेट सोना पड़ता था। किसी तरह जिंदगी चल रही थी ।
तभी नाना जी बीमार पड़ गए अब घर कैसे चलता तब मेरी माँ ने कास्मेटिक चीजे गावो में जाकर बेचने लगी। कुछ समय बाद नाना जी चल बसे अब मेरी माँ के ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी आ पड़ी नानी बूढी थी और हम चार लोग पर मेरी माँ ने हिम्मत नही हारी।
धुप हो या बारिश सब की चिंता किये बगैर अपना काम करती रही।
उन्होंने हमे बड़ा किया पढ़ाया और समाज में एक इज्जतदार इंसान बनाया।
आज हम जो है ओ अपनी माँ की वजह से है । माँ है तो सब है।
माँ ही गंगा माँ ही जमुना माँ ही तीरथ धाम
माता सर पर हाथ जो तेरा क्या ईश्वर का काम
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