मिसाइल मैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को आखिरी सलाम

27 जुलाई 2015 को रात के करीब 9 बज रहे थे तभी टीवी पर न्यूज में बताया की पुर्व राष्ट्रपति कलाम का निधन खबर सुनते ही चौक गया दिल मानने को तैयार न था।
पर सच यही था
कलाम अब इस दुनिया में नही थे।
कलाम जी का जीवन हमारे लिए किसी प्रेरणा से कम नही था। एक संघर्षशील ब्यक्ति के रूप में वे हमेशा याद आयेगे । 
उनकी कमी को कोई पूरा नही कर पायेगा। भारत आज मिसाइल मैन की वजह से मिसाइल के क्षेत्र इतना आगे बढ़ सका है।
कलाम का अभुतपूर्व योगदान हम सब के लिए गौरव की बात है।
आज कलाम हमारे बीच नही है पर उनके अविष्कार उनकी सोच हमारे बीच आज भी जिन्दा है। और सदियो सदियो तक हमारे जीवन में एक उम्मीद की किरण के रूप में मौजूद रहेगे।
ए पी जे अब्दुल कलाम जिन्दा रहेगे अपने अविष्कारों में
अंतरिक्ष में आकाश में
पर आपकी कमी हमे हमेशा खलेगी
अलबिदा मिसाइल मैन

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