आखो की अहमियत

आखो की अंधे नही जानते क्योकि उन्होंने कभी भी इस खूबसूरत दुनिया को देखा नही है। आखो की अहमियत वही लोग जानते है जो इस दुनिया को देखने के बाद अंधे हुए है। मेरे एक पहचान के ब्यक्ति है जिनकी उम्र 48 साल होगी । एक दिन आचानक उनकी तबियत बिगड़ी और उनकी आखो की रोशनी चली गयी आज वे मुझे मिले थे उनकी बेटी उनका हाथ पकड़े आगे आगे चल रही थी। उनकी यह दशा को देखकर मेरे मन में तरह तरह के सवाल उठने लगे। उन्हें कितना दुःख होता होगा इसकी कल्पना नही की जा सकती। उन्ही के जैसे दुनिया में ऐसे बहुत से लोग है जो अंधे है वे भी दुनिया देखना चाहते है अपनों को देखना चाहते है। पर उनकी आखे नही है। लेकिन वे देख सकते है अगर हम थोडी सी कोशिश करे तो अपनी आखे दान करके हम मरने के बाद भी किसी के जीवन में उजाला ला सकते है। उनकी बदरंग दुनिया को रंगीन बना सकते है जरूरत सन्कल्प की है जरूरत सोच की है जरूरत जागरूकता की है दुसरो को प्रेरित करे और खुद नेत्र दान करे।

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