राम की लीला रामलीला

नवरात्र के बाद आती है विजयदशमी और शुरू होता है गाँव गलियो शहरों मे रामलीला का दौर जहा मर्यादापुरुषोत्तम भगवान श्री राम की लीला का मंचन होता है।
कोई राम बनता है तो कोई लक्ष्मण कोई रावण फिल्में बनती है हप्ते महीने या साल भर चलती है उसके बाद लोग उब जाते है।
परन्तु ये रामलीला हप्तो नही महीनो नही और सालो नही बल्कि शदियो चलती रहती है ओ भी हाउसफुल।
ये कहानी नही इतिहास है जो हमे बुराई पर अच्छाई की जीत का सन्देश देती।
रावण महाज्ञानी था पर उसने घमण्ड किया और यह सभी जानते है घमण्डी का पतन अवश्य होता है। 
और वही हुआ 
उसी अच्छाई की चमक को बरकरार रखने के लिए अपनी संस्कृति को अपनी परम्परा को जिंदा रखने के लिए हर साल रामलीला का आयोजन होता है और दुष्टता अहंकारी रावण का पुतला जला कर सच्चाई और अच्छाई की जीत का पर्व विजयदशमी मनाया जाता है।
रामायण एक धार्मिक ग्रन्थ होने के साथ साथ एक मार्गदर्शक की भूमिका अदा करता है। जिसके नायक भगवान राम ने पुरुषो की मर्यादा मे रहकर मानव को मानवता का सन्देश दिया है।
एक आदर्श पुरुष
एक आदर्श पति
एक आदर्श बेटा
एक आदर्श पति
एक आदर्श राजा
का किरदार अदा किया है तभी तो हमारी सरकार भी रामराज्य लाने का सपना देखती है।
कण कण मे बसने वाले राम की महिमा अद्भुत है एक वही है जो हम हिन्दुओ के रोम रोम मे बसे है। अगर कभी किसी को कोई कष्ट होता है तो न चाहते हुए भी मुख से राम निकल पड़ता है।
और अंत मे जब मौत हो जाती है तो राम नाम सत्य है का नारा लगता है।
ऐसी अद्भुत कहानी का हर कोई हिस्सा बनने को बेताब रहता है और बेताब रहता है राम की अद्भुत लीला देखने को।

जय श्री राम

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