आम आदमी की क्या है औकात

आज 25/09/2015 की रात बीती रात को 2 बजे शाहपुर जो बटाउबीर चौराहे के पास स्थित है।
कुछ पिकप सवार चोर एक धरिकर जो की बहुत गरीब है किसी तरह अपनी आजीविका चलता है उसके यहा पहुचे और उसकी बकरियो को खोल कर पिकप में लादने लगे।
तभी बगल में सो रहा एक ब्यक्ति जाग गया और सोर मचाने लगा वे बदमाश मिलकर उसे मारने लगे लेकिन वह चिल्लाता रहा वे उसे भी गाड़ी में लादने वाले थे लेकिन उसने लोहे के खम्भे को पकड़ रखा था। उसकी आवाज को सुनकर कुछ लोग बाहर आये पर बदमाशो ने हाथो में चाकू दिखाकर उन्हें धमकाया तो वे अंदर चले गए । बकरी वाला हिम्मत करके उनपर पत्थर फेकने लगा तो जवाब में बदमाशो ने भी गाड़ी में से पत्थर निकालकर हमला कर दिया जिससे वह घायल हो गया तभी काफी लोग इकट्ठा हो गए जिससे बदमाशो को केवल एक बकरी ही लेकर भागने लगे।
कुछ लोगो ने उनका पीछा किया घनश्यामपुर पुलिस चौकी होते हुए भी वे बेधड़क निकल गए।
उस पीड़ित परिवार का रोरोकर बुरा हाल है।
वे क्या करे पुलिस के यहा रिपोर्ट लिखाये तो किसके नाम और अगर रिपोर्ट लिख भी ली जाती है तो कुछ होगा भी नही
क्योकि वो
आज़म खान नही
की पूरी यूपी की पुलिस उसे ढूढने लग जायेगी
सावल ये उठता है आये दिनों कोई न कोई बकरी या भैस हथियारों के बल पर उठा ली जाती है।
और प्रशासन कुछ भी नही करता।
वही अगर किसी नेता की भैस कुत्ता चोरी हो जाता है तो सीबीआई वाले उसे ढूढने निकल पड़ते है।
वही अगर एक आम आदमी गायब हो जाता है तो उसे ढुंढने की कोशिश केवल कागजो में होती है
क्या आम आदमी की हैसियत नेताओ के भैस कुत्तो से भी गयी गुजरी है।
जवाब आपको देना है
इन्हें नेता कौन बनाता है
हम
और हमी लोग उपेक्षित होते है
पुलिस हमारी सुरक्षा के लिए है पर वह भी बिना रिश्वत के काम नही करती।
आज स्कुल में पढ़ा हुआ हिंदी का गिरगिट शीर्षक वाला पाठ याद आता है।
क्या आज हमारी छवि इतनी खराब है की हम मर भी जाये तो कोई बात नही।
और नेता जी का कुत्ता मर जाये तो राष्ट्रिय शोक घोषित हो जाता है
तो क्या है हम आम आदमी की औकात जवाब आप दो
मैसेज को फारवर्ड करे
ताकी आम आदमी जागे
D.

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