रिश्ते सिर्फ खून के नही होते बल्कि कुछ रिश्ते खुद बनाये जाते है या कुछ रिश्ते खुद बन जाते है। जो जीवन पर गहरी छाप छोड़ जाते है।
उनसे इतना करीबी रिश्ता बन जाता है जब वे हमसे दूर हो जाते है तो बहुत दुख होता है। वे अपने तो नही होते लेकिन वो रिश्ता उन्हें अपना बना देता है।
ऐसा ही एक अंजना रिश्ता बन गया था एक बार्बर जो बाल काटता है कुछ समय पहले उसकी मौत हो गयी।
मेरा उससे कोई रिश्ता नही था पर कोई तो रिश्ता था जो उसकी मौत पर मुझे घर दुख हुआ ।
शायद इस लिए की पिछले 15 सालों से मैं उसके यहा बाल कटवाता था शायद इसी बीच हमारे और उसके बीच एक अंजना रिश्ता बन गया।
आज वह हमारे बीच नही है
आज उसकी कमी खल रही है
आज उस रिश्ते का अहसास हो रहा है की कोई तो रिश्ता रहा ही होगा
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